भरीया जनजातीक जीनाक रंग-ढंग

भरीया अदमी नहून जीनाक लाय बासक डलीया, ढूल्‌ला बनायके बेचत। होर ठेकदारन कने जायके बन्‌नी करत अर जंगला से बाहरा आयके रीक्‌सा चलावत अर चपरासीक काम करत। अर होर  मट्‌टीक दीवाल दरीके  गेडा टोकत अर टटार बी करत अर ऊपरा से खपरा छावायके घर बनावत। अर होर जंगला में जायके महू, अचार, अमला, कोपाडोरली, हर्‌रा, एरन को बीन्‌नीके बेचत। 

भरीया जनजातीक घर

या भरीया अदमीनक घर आय।

महू को बीनना

भरीया मरदचारू महू बीन्‌नत।

महू

या महू आय।

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